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हर श्वास में उत्तम ज्ञान

सामान्य दैनिक व्यवहार काल में अथवा किसी प्रश्न के उत्तर में कहे हुये उनके शब्द, स्वयं तथा संसार के मर्म को समझने के लिये बड़े प्रभावी साधन होते थे और हैं | एक छोटी से क्रिया भी सशक्त मार्गदर्शन कर सकती थी | जो एक द्रष्टि, एक शब्द, एक अल्प, मुखर गति ही उस क्षण को अलौकिक बनाने अथवा विद्यार्थी के आंतरिक संघर्ष को सुलझाने में सहायक होती थी | वह आज भी अपरिहार्य, अमोघ है |

यह छोटे छोटे शब्द-चित्र ऐसे प्रश्नों का संबोधन  करते है:

  • जीवन के अनेको समस्यऔ का सामना करते हुये में अनुचित तनावमुक्त कैसे रहूँ ?
  • आध्यात्मिक यात्रा में प्रगति की शीघ्रता के लिये मैं क्या कर सकता हूँ ?
  • मैं अपनी नकारात्मक आदतों का त्याग कैसे करुँ?
  • धार्मिक जीवन मूल्यों में निष्ठा रखतें हुये भी मैं अपने व्यवसाय मैं सफलता कैसे प्राप्त करुँ ?
  • देह,मन, बुद्धि को परिच्छिन्नताओं को पार करके शुद्ध चैतन्य मैं विश्राम कैसे करुँ ?
H2009
in stockINR 350
Chinmaya Prakashan
1 1
At Every Breath, A Teaching (हिंदी)

At Every Breath, A Teaching (हिंदी)

SKU: H2009
₹350
Publisher: Chinmaya Prakashan
ISBN: 978-81-7597-747-1
Language: Hindi
Author: Rudite Emir
Binding: Paperback
Tags:
  • Inspiration, Motivation, Positivity, Spirituality
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Description of product

हर श्वास में उत्तम ज्ञान

सामान्य दैनिक व्यवहार काल में अथवा किसी प्रश्न के उत्तर में कहे हुये उनके शब्द, स्वयं तथा संसार के मर्म को समझने के लिये बड़े प्रभावी साधन होते थे और हैं | एक छोटी से क्रिया भी सशक्त मार्गदर्शन कर सकती थी | जो एक द्रष्टि, एक शब्द, एक अल्प, मुखर गति ही उस क्षण को अलौकिक बनाने अथवा विद्यार्थी के आंतरिक संघर्ष को सुलझाने में सहायक होती थी | वह आज भी अपरिहार्य, अमोघ है |

यह छोटे छोटे शब्द-चित्र ऐसे प्रश्नों का संबोधन  करते है:

  • जीवन के अनेको समस्यऔ का सामना करते हुये में अनुचित तनावमुक्त कैसे रहूँ ?
  • आध्यात्मिक यात्रा में प्रगति की शीघ्रता के लिये मैं क्या कर सकता हूँ ?
  • मैं अपनी नकारात्मक आदतों का त्याग कैसे करुँ?
  • धार्मिक जीवन मूल्यों में निष्ठा रखतें हुये भी मैं अपने व्यवसाय मैं सफलता कैसे प्राप्त करुँ ?
  • देह,मन, बुद्धि को परिच्छिन्नताओं को पार करके शुद्ध चैतन्य मैं विश्राम कैसे करुँ ?

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