सांदीपनी साधनालय, मुंबई, में दी गयी इस संगीतमय प्रवचन श्रृंखला में स्वामी तेजोमयानन्दजी, अत्यंत सुगम और प्रेरणादायी ढंग से हमें भक्ति मार्ग से परिचित करते हैं| भगवान के महान भक्तों के माध्यम से स्वामीजी हमें संतों के अभिलक्षणों से अवगत करते हैं - ऐसे गुण जिन्हें जीवन में उतार कर हम आध्यात्मिक प्रगति कर सकते हैं| तदुपरांत स्वामीजी हमें श्री रामचरितमानस में वर्णित हृषी वाल्मीकि और भगवान श्री राम के संवाद के माध्यम से भक्ति की प्रकृति के बारे में समझते हैं| हृषी वाल्मीकि भगवान को उन १४ स्थलों के बारे में बताते हैं जहाँ वे निवास कर सकते हैं - ये सभी स्थान एक भक्त के सहृदय के अनेक पहलू ही हैं| अंतिम दों प्रवचनों में स्वामीजी हमें ईश्वर की प्रकृति के अनुसन्धान के मार्ग पर अग्रसर होने के लिए मार्गदर्शित करते हैं| इन उत्थानकारी प्रवचनों के मध्य आपको सुन्दर कीर्तनों और भजनों के श्रवण का लाभ भी मिलेगा जिन्हें सुनकर सहृदय आनंद से ओतप्रोत हो, ईश्वर प्रेम से भर उठता है|
Duration (Approx): 7 Hours 34 Mins
BCD023VARIANT | SELLER | PRICE | QUANTITY |
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सांदीपनी साधनालय, मुंबई, में दी गयी इस संगीतमय प्रवचन श्रृंखला में स्वामी तेजोमयानन्दजी, अत्यंत सुगम और प्रेरणादायी ढंग से हमें भक्ति मार्ग से परिचित करते हैं| भगवान के महान भक्तों के माध्यम से स्वामीजी हमें संतों के अभिलक्षणों से अवगत करते हैं - ऐसे गुण जिन्हें जीवन में उतार कर हम आध्यात्मिक प्रगति कर सकते हैं| तदुपरांत स्वामीजी हमें श्री रामचरितमानस में वर्णित हृषी वाल्मीकि और भगवान श्री राम के संवाद के माध्यम से भक्ति की प्रकृति के बारे में समझते हैं| हृषी वाल्मीकि भगवान को उन १४ स्थलों के बारे में बताते हैं जहाँ वे निवास कर सकते हैं - ये सभी स्थान एक भक्त के सहृदय के अनेक पहलू ही हैं| अंतिम दों प्रवचनों में स्वामीजी हमें ईश्वर की प्रकृति के अनुसन्धान के मार्ग पर अग्रसर होने के लिए मार्गदर्शित करते हैं| इन उत्थानकारी प्रवचनों के मध्य आपको सुन्दर कीर्तनों और भजनों के श्रवण का लाभ भी मिलेगा जिन्हें सुनकर सहृदय आनंद से ओतप्रोत हो, ईश्वर प्रेम से भर उठता है|
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