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श्रीमद् भगवद् गीता के दूसरे अध्याय (साङ्ख्ययोग) पर परमपूज्य स्वामी सुबोधानन्दजी के सुश्राव्य और बोधप्रद प्रवचन|

प्रस्थानत्रयी - श्रीमद् भगवद् गीता, उपनिषद्, ब्रह्मसूत्र, इस आधारशिला पर सनातन वैदिक धर्म चिरस्थित है| इनमें से श्रीमदभगवद्गीता मानव जीवन के हर स्तर की समस्याओं के समाधान को उजागर करती हुई सभी साधकों को आध्यात्मिक साधना की गहराई को छूने के लिए मार्गदर्शन करती हुई भवद्वेषिणी के रूप में प्रस्तुत है|

इस गीता के तात्पर्य का अवबोधन जगद्-गुरु भगवान श्रीकृष्ण के ह्रदय के साथ तदाकारता हुए बिना बड़ा कठिन है| यह तात्पर्य चिन्मय मिशन सिद्धबाड़ी के ब्रह्मलीन पूज्य स्वामी सुबोधानन्दजी के प्रवचनों की विद्वत्तापूर्ण शैली से सुज्ञ साधकों को अवगत होता है| पूज्य स्वामीजी के गहन गंभीर चिंतनशील प्रवचनों के संग्रह की दूसरी कड़ी श्रीगुरुतत्व को समर्पित करते हैं|

G2016
in stockINR 400
Chinmaya Prakashan
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Geeta Tatparya Bodhini (द्वितीय अध्याय)

Geeta Tatparya Bodhini (द्वितीय अध्याय)

SKU: G2016
₹400
Publisher: Chinmaya Prakashan
ISBN: 9788175977884
Language: Hindi
Author: Swami Subodhananda
Binding: Paperback
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Description of product

श्रीमद् भगवद् गीता के दूसरे अध्याय (साङ्ख्ययोग) पर परमपूज्य स्वामी सुबोधानन्दजी के सुश्राव्य और बोधप्रद प्रवचन|

प्रस्थानत्रयी - श्रीमद् भगवद् गीता, उपनिषद्, ब्रह्मसूत्र, इस आधारशिला पर सनातन वैदिक धर्म चिरस्थित है| इनमें से श्रीमदभगवद्गीता मानव जीवन के हर स्तर की समस्याओं के समाधान को उजागर करती हुई सभी साधकों को आध्यात्मिक साधना की गहराई को छूने के लिए मार्गदर्शन करती हुई भवद्वेषिणी के रूप में प्रस्तुत है|

इस गीता के तात्पर्य का अवबोधन जगद्-गुरु भगवान श्रीकृष्ण के ह्रदय के साथ तदाकारता हुए बिना बड़ा कठिन है| यह तात्पर्य चिन्मय मिशन सिद्धबाड़ी के ब्रह्मलीन पूज्य स्वामी सुबोधानन्दजी के प्रवचनों की विद्वत्तापूर्ण शैली से सुज्ञ साधकों को अवगत होता है| पूज्य स्वामीजी के गहन गंभीर चिंतनशील प्रवचनों के संग्रह की दूसरी कड़ी श्रीगुरुतत्व को समर्पित करते हैं|

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