वेदान्त के अपने गहन अध्ययन और मनन के फलस्वरूप स्वामीजी ने इन १८ श्लोकों में उपनिषादिक सिद्धान्त का सार प्रस्तुत किया है |
इसमें उन्होंने समस्त साधकों के संशयों को तर्कपूर्ण सिद्धान्तों के द्वारा स्पष्ट कर दिया है कि उनके बंधन का कारण क्या है तथा उन्हें मुक्ति किस प्रकार मिल सकती है |
J2003VARIANT | SELLER | PRICE | QUANTITY |
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वेदान्त के अपने गहन अध्ययन और मनन के फलस्वरूप स्वामीजी ने इन १८ श्लोकों में उपनिषादिक सिद्धान्त का सार प्रस्तुत किया है |
इसमें उन्होंने समस्त साधकों के संशयों को तर्कपूर्ण सिद्धान्तों के द्वारा स्पष्ट कर दिया है कि उनके बंधन का कारण क्या है तथा उन्हें मुक्ति किस प्रकार मिल सकती है |