प्रत्येक मन अनोखा और विशिष्ट होता है| इसकी योग्यताएँ और क्षमताएँ अनंत और अकल्पनीय होती हैं| परंतु इन शक्तियों का प्रस्फुटित होना इसकी इच्छा अथवा संकल्प पर निर्भर करता है| हम अपने संकल्प के द्वारा एक ओर जहाँ आध्यात्मिक विकास के शिखरों को छू सकते हैं, वहीं दूसरी ओर अंधेरी खोइयों में गिर भी सकते है|
शिव संकल्प सूक्तम इसी असाधारण मन की महिमा का गान करता है और यह अपने विचारों को दिव्य बनाने की प्रार्थना है-शिव संकल्पमस्तु।
M2015VARIANT | SELLER | PRICE | QUANTITY |
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प्रत्येक मन अनोखा और विशिष्ट होता है| इसकी योग्यताएँ और क्षमताएँ अनंत और अकल्पनीय होती हैं| परंतु इन शक्तियों का प्रस्फुटित होना इसकी इच्छा अथवा संकल्प पर निर्भर करता है| हम अपने संकल्प के द्वारा एक ओर जहाँ आध्यात्मिक विकास के शिखरों को छू सकते हैं, वहीं दूसरी ओर अंधेरी खोइयों में गिर भी सकते है|
शिव संकल्प सूक्तम इसी असाधारण मन की महिमा का गान करता है और यह अपने विचारों को दिव्य बनाने की प्रार्थना है-शिव संकल्पमस्तु।