मनुष्य जीवन में ज्ञान की बहुत माहिमा है, लेकिन ज्ञान का प्रामाणिक होना आवश्यक है | ऐसा ज्ञान प्राप्त करने के लिए हमें प्रमाणों की जानकारी होनी चाहिए | हर दर्शन ने इन प्रमाणों की आवश्यकता को स्वीकार किया है |
इस पुस्तक में स्वामी सुबोधानंद सरस्वती ने वेदान्त स्वीकृत प्रमाणों की विशद विवेचना की है |
P2018VARIANT | SELLER | PRICE | QUANTITY |
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मनुष्य जीवन में ज्ञान की बहुत माहिमा है, लेकिन ज्ञान का प्रामाणिक होना आवश्यक है | ऐसा ज्ञान प्राप्त करने के लिए हमें प्रमाणों की जानकारी होनी चाहिए | हर दर्शन ने इन प्रमाणों की आवश्यकता को स्वीकार किया है |
इस पुस्तक में स्वामी सुबोधानंद सरस्वती ने वेदान्त स्वीकृत प्रमाणों की विशद विवेचना की है |