श्रीमद्भागवत महापुराण भारतीय सांस्कृति का अभिन्न अंग आहे. वैदिक वाङ्गमय में इसका स्थान, इसकी महिमा सर्व विदित है | वेदों के सार रूप इस अनुपम ग्रंथ की विशेषता यही है कि संसार में निमग्न, सर्व सामान्य व्यक्ति भी इसका आस्वादन कर, आत्म कल्याण के मार्ग पर अग्रसर हो सकता है |
इसमें भगवान के तथा भगवद्भक्तों के ऐसे-ऐसे अद्भुत लीला चरित्रों का वर्णन है जिन्हें सुनकर या पढ़कर ह्रदय में परम प्रेम का आविर्भाव हुए बिना नहीं रह सकता | साथ ही, इसमें यह भी बताया गया है कि वह परम प्रेम, भगवत प्रेम ही कैसे उसे सत्सङ्ग प्राप्त करता है, सद्गुरु का उपदेश प्राप्त करता है - जिससे मनुष्य के स्वरुप का, परमात्मा स्वरुप का अनावरण हो जाता है, और जीवन काल में ही वह मुक्त हो जाता है | महापुरुषों का मानना है कि श्रीमद्भागवत एक अत्यंत आल्हादक लोकोपकारी ग्रंथ है |
परम पूज्य गुरुदेव स्वामी चिन्मयानन्द के वचनानुसार, पूज्य स्वामी तेजोमयानन्द जी ने इस लोकप्रिय ग्रंथ के गूढ़ रहस्यों को अत्यंत सहजता से उजागर किया है | हमें पूर्ण विश्वास है कि पाठक-गण न केवल इससे लाभान्वित होंगे वरन श्रीमद्भागवत के विवादित प्रसंगों से सम्बन्धित उनकी सारी शंकाओं का समाधान भी होगा और उनका ह्रदय भी आल्हादित होगा |
S2017VARIANT | SELLER | PRICE | QUANTITY |
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श्रीमद्भागवत महापुराण भारतीय सांस्कृति का अभिन्न अंग आहे. वैदिक वाङ्गमय में इसका स्थान, इसकी महिमा सर्व विदित है | वेदों के सार रूप इस अनुपम ग्रंथ की विशेषता यही है कि संसार में निमग्न, सर्व सामान्य व्यक्ति भी इसका आस्वादन कर, आत्म कल्याण के मार्ग पर अग्रसर हो सकता है |
इसमें भगवान के तथा भगवद्भक्तों के ऐसे-ऐसे अद्भुत लीला चरित्रों का वर्णन है जिन्हें सुनकर या पढ़कर ह्रदय में परम प्रेम का आविर्भाव हुए बिना नहीं रह सकता | साथ ही, इसमें यह भी बताया गया है कि वह परम प्रेम, भगवत प्रेम ही कैसे उसे सत्सङ्ग प्राप्त करता है, सद्गुरु का उपदेश प्राप्त करता है - जिससे मनुष्य के स्वरुप का, परमात्मा स्वरुप का अनावरण हो जाता है, और जीवन काल में ही वह मुक्त हो जाता है | महापुरुषों का मानना है कि श्रीमद्भागवत एक अत्यंत आल्हादक लोकोपकारी ग्रंथ है |
परम पूज्य गुरुदेव स्वामी चिन्मयानन्द के वचनानुसार, पूज्य स्वामी तेजोमयानन्द जी ने इस लोकप्रिय ग्रंथ के गूढ़ रहस्यों को अत्यंत सहजता से उजागर किया है | हमें पूर्ण विश्वास है कि पाठक-गण न केवल इससे लाभान्वित होंगे वरन श्रीमद्भागवत के विवादित प्रसंगों से सम्बन्धित उनकी सारी शंकाओं का समाधान भी होगा और उनका ह्रदय भी आल्हादित होगा |