एक कलाकार की सूक्ष्मता, एक वैज्ञानिक की यथार्थता, एक पुष्प के खिलने की कोमलता के साथ भगवान आदि शंकराचार्य अपनी वाक्य वृत्ति में "तत् त्वम् असि" महावाक्य का अवलोकन करते हुए बताते हैं कि उनका आत्मा ही सबका आत्मा है |
V2003VARIANT | SELLER | PRICE | QUANTITY |
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एक कलाकार की सूक्ष्मता, एक वैज्ञानिक की यथार्थता, एक पुष्प के खिलने की कोमलता के साथ भगवान आदि शंकराचार्य अपनी वाक्य वृत्ति में "तत् त्वम् असि" महावाक्य का अवलोकन करते हुए बताते हैं कि उनका आत्मा ही सबका आत्मा है |