बालक बहुत-सी बातें अपने माता-पिता से प्राय घर पर सीखता है| आश्वस्त होने के लिए, सरक्षा और सहायता के लिए वह सदैव अपने माता-पिता की और देखता है| यदि माता-पिता परस्पर जोर-जोर से बहस और झगड़ा करते है तो बालक के मन में भय और अनिश्चितता पनपने लगती है| उससे उसका सम्पूर्ण व्यक्तित्व प्रभवित होता है|
अपनी सही सामर्थ्य समझने के लिए हमें आवश्यकता होती है कि कौशल कलाओं का गहराई से अध्ययन करे और अपने कृतित्व को उच्चतम सत्तर पर ले जाने के लिए उनमें जागरूकता के साथ सुधार करें| मनुष्य संवेदनशील प्राणी होता है| बच्चो की सावधानी से देखभाल करके हम उन्हे अपने अभिव्यति सुधारने में सहायता कर सकते है और उस प्रकिया में वे स्वय अपने कृतित्व के लिए पहल कर सकगें प्रत्येक मानव सदैव चाहता है कि लोग उससे प्यार करें और उसकी देखभाल की जाए|
P2016VARIANT | SELLER | PRICE | QUANTITY |
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बालक बहुत-सी बातें अपने माता-पिता से प्राय घर पर सीखता है| आश्वस्त होने के लिए, सरक्षा और सहायता के लिए वह सदैव अपने माता-पिता की और देखता है| यदि माता-पिता परस्पर जोर-जोर से बहस और झगड़ा करते है तो बालक के मन में भय और अनिश्चितता पनपने लगती है| उससे उसका सम्पूर्ण व्यक्तित्व प्रभवित होता है|
अपनी सही सामर्थ्य समझने के लिए हमें आवश्यकता होती है कि कौशल कलाओं का गहराई से अध्ययन करे और अपने कृतित्व को उच्चतम सत्तर पर ले जाने के लिए उनमें जागरूकता के साथ सुधार करें| मनुष्य संवेदनशील प्राणी होता है| बच्चो की सावधानी से देखभाल करके हम उन्हे अपने अभिव्यति सुधारने में सहायता कर सकते है और उस प्रकिया में वे स्वय अपने कृतित्व के लिए पहल कर सकगें प्रत्येक मानव सदैव चाहता है कि लोग उससे प्यार करें और उसकी देखभाल की जाए|