आत्म-विकास की निर्देशिका
वेदान्त सीधे इस बात पर जोर देता है कि मनुष्य निश्चित रूप से परिपूर्ण है, और इसलिए उसमें अनन्त सम्भावनाएँ छिपी हुई विद्यमान हैं | सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि हम अपने व्यक्तित्व में कितनी मात्रा में बदलाव ला सकते हैं |
स्वामीजी हमें समझते हैं कि तीव्र गति से परंतु सतत आगे बढ़ो एवं अपने में छिपी हुई क्षमताओं को उद्घाटित करो |
A2004VARIANT | SELLER | PRICE | QUANTITY |
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आत्म-विकास की निर्देशिका
वेदान्त सीधे इस बात पर जोर देता है कि मनुष्य निश्चित रूप से परिपूर्ण है, और इसलिए उसमें अनन्त सम्भावनाएँ छिपी हुई विद्यमान हैं | सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि हम अपने व्यक्तित्व में कितनी मात्रा में बदलाव ला सकते हैं |
स्वामीजी हमें समझते हैं कि तीव्र गति से परंतु सतत आगे बढ़ो एवं अपने में छिपी हुई क्षमताओं को उद्घाटित करो |