उपयुक्त उपमानों से एवं काव्यात्मक उद्रेकों से युक्त स्वामी चिन्मयानन्दजी की व्याख्या अकथनीय के कथन का एक अत्यंत सफल प्रयास बन गया है|
इस उपनिषद् में अध्यारोप - अपवाद की सुपरिचित विधि के द्वारा शाश्वत सत्य को समझाया गया है|
A2002VARIANT | SELLER | PRICE | QUANTITY |
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उपयुक्त उपमानों से एवं काव्यात्मक उद्रेकों से युक्त स्वामी चिन्मयानन्दजी की व्याख्या अकथनीय के कथन का एक अत्यंत सफल प्रयास बन गया है|
इस उपनिषद् में अध्यारोप - अपवाद की सुपरिचित विधि के द्वारा शाश्वत सत्य को समझाया गया है|