भज-गोविन्दम देखने में भले ही छोटा ग्रन्थ लगे, परन्तु वास्तव में आदि शंकर की यह एक अत्यन्त महत्वपूर्ण रचना है|
इसमें वेदान्त के मूल आधार की शिक्षा सरल गान में दी गई है, ताकि हृषिपुत्र बाल्यावस्था से ही अद्वैत के मधुर वातावरण में बढ़ें| इसके श्लोकों की लय इतनी मधुर है कि बच्चे भी बड़ी आसानी से याद कर सकते हैं और गा सकते हैं|
एक बुद्धिमान युवक, अगर इसका अध्ययन सच्चाई के साथ करे, तो उसके सारे मोह नाश हो सकते हैं, और इसीलिए इसका नाम पड़ा "मोह-मुद्गर"|
B2002VARIANT | SELLER | PRICE | QUANTITY |
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भज-गोविन्दम देखने में भले ही छोटा ग्रन्थ लगे, परन्तु वास्तव में आदि शंकर की यह एक अत्यन्त महत्वपूर्ण रचना है|
इसमें वेदान्त के मूल आधार की शिक्षा सरल गान में दी गई है, ताकि हृषिपुत्र बाल्यावस्था से ही अद्वैत के मधुर वातावरण में बढ़ें| इसके श्लोकों की लय इतनी मधुर है कि बच्चे भी बड़ी आसानी से याद कर सकते हैं और गा सकते हैं|
एक बुद्धिमान युवक, अगर इसका अध्ययन सच्चाई के साथ करे, तो उसके सारे मोह नाश हो सकते हैं, और इसीलिए इसका नाम पड़ा "मोह-मुद्गर"|