महर्षि रमण इस युग के ज्ञात, महानतम आत्मज्ञानी गुरुओं में से एक हैं |
परमानन्द में पूर्ण रूप से रमण करने वाले, भक्तों के ऊपर अतीव करुणा भाव के उद्रेक के अतिरिक्त वे बिल्कुल भी बोलना पसंद नहीं करते थे | परन्तु जब वे बोलते थे, तो उनकी वाणी केवल परम सत्य को इसके शुद्धतम रूप में प्रकट करती थी |
S2001VARIANT | SELLER | PRICE | QUANTITY |
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महर्षि रमण इस युग के ज्ञात, महानतम आत्मज्ञानी गुरुओं में से एक हैं |
परमानन्द में पूर्ण रूप से रमण करने वाले, भक्तों के ऊपर अतीव करुणा भाव के उद्रेक के अतिरिक्त वे बिल्कुल भी बोलना पसंद नहीं करते थे | परन्तु जब वे बोलते थे, तो उनकी वाणी केवल परम सत्य को इसके शुद्धतम रूप में प्रकट करती थी |