आदि शंकराचार्य के सभी स्तोत्रों में श्रीदक्षिणामूर्ति स्तोत्र सबसे छोटा है, किन्तु दार्शनिक महत्त्व में और उसकी गंभीर अभिव्यक्ति में यह अद्वैत वेदान्त का सर्वाधिक प्रेरणादायक ग्रन्थ है|
श्रीदक्षिणामूर्ति स्तोत्र के श्लोक किसी नये साधक को सम्बोधित नहीं किये गये हैं| जिसने शास्त्रों का अध्ययन पहले ही कर रखा है और अब ध्यान के आसन पर जाने वाला है, उसी के लिए इन श्लोकों की शिक्षा है|
इस स्तोत्र के दस श्लोकों में एक क्रमिक चिंतन प्रस्तुत किया गया है जिससे विचारों की एक पुष्पमालिका सी बन गई है| ये दार्शनिक पुष्प उपनिषदों के हृषी-वचनों से संग्रहित किये गये हैं|
D2007VARIANT | SELLER | PRICE | QUANTITY |
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आदि शंकराचार्य के सभी स्तोत्रों में श्रीदक्षिणामूर्ति स्तोत्र सबसे छोटा है, किन्तु दार्शनिक महत्त्व में और उसकी गंभीर अभिव्यक्ति में यह अद्वैत वेदान्त का सर्वाधिक प्रेरणादायक ग्रन्थ है|
श्रीदक्षिणामूर्ति स्तोत्र के श्लोक किसी नये साधक को सम्बोधित नहीं किये गये हैं| जिसने शास्त्रों का अध्ययन पहले ही कर रखा है और अब ध्यान के आसन पर जाने वाला है, उसी के लिए इन श्लोकों की शिक्षा है|
इस स्तोत्र के दस श्लोकों में एक क्रमिक चिंतन प्रस्तुत किया गया है जिससे विचारों की एक पुष्पमालिका सी बन गई है| ये दार्शनिक पुष्प उपनिषदों के हृषी-वचनों से संग्रहित किये गये हैं|