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978-81-7597-365-7 5e0f20aeae505c08c7bb26c4 Manas Ke Moti - भाग १ https://eshop.chinmayamission.com/s/5d76112ff04e0a38c1aea158/ms.products/5e0f20aeae505c08c7bb26c4/images/5e1c0b9b8a53247b8c90233d/5e1c0b63f41b607b9f2c6e69/5e1c0b63f41b607b9f2c6e69.jpg

मानस के मोती - स्वामी सुबोधानंदजी (प्रमुख आचार्य, सांदीपनी हिमालय) के तुलसी रामायण पर किए गए ज्ञान यज्ञाें का संकलन है |

इन ज्ञानयज्ञाें में मानस के आध्यात्मिक, दार्शनिक, साहित्यिक और सामाजिक पहलुओं पर विशेष विवेचना की गई है |

इस प्रथम भाग में चार प्रसगों का निरुपण है - भरत चरित्र (अयोद्या काण्ड), श्री राम गीता तथा नवधाभक्ति का उपदेश (अरण्य काण्ड) और सुग्रीव की शरणागति (किष्किंधाकांड) |

मानस के मोती के सभी भाग यहाँ उपलब्ध हैं - Manas Ke Moti (भाग १ - ४)

M2011
in stockINR 545
Chinmaya Prakashan
1 1
Manas Ke Moti - भाग १

Manas Ke Moti - भाग १

SKU: M2011
₹545
Publisher: Chinmaya Prakashan
ISBN: 978-81-7597-365-7
Language: Hindi
Author: Swami Subodhananda
Binding: Paperback
No of pages: 568
Tags:
  • Binding: Paperback
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Description of product

मानस के मोती - स्वामी सुबोधानंदजी (प्रमुख आचार्य, सांदीपनी हिमालय) के तुलसी रामायण पर किए गए ज्ञान यज्ञाें का संकलन है |

इन ज्ञानयज्ञाें में मानस के आध्यात्मिक, दार्शनिक, साहित्यिक और सामाजिक पहलुओं पर विशेष विवेचना की गई है |

इस प्रथम भाग में चार प्रसगों का निरुपण है - भरत चरित्र (अयोद्या काण्ड), श्री राम गीता तथा नवधाभक्ति का उपदेश (अरण्य काण्ड) और सुग्रीव की शरणागति (किष्किंधाकांड) |

मानस के मोती के सभी भाग यहाँ उपलब्ध हैं - Manas Ke Moti (भाग १ - ४)

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