Sandeepany Sadhanalaya, Saki Vihar Road, Powai, Mumbai 400072 Mumbai IN
Chinmaya Vani
Sandeepany Sadhanalaya, Saki Vihar Road, Powai, Mumbai Mumbai, IN
+912228034980 https://eshop.chinmayamission.com/s/5d76112ff04e0a38c1aea158/ms.settings/5256837ccc4abf1d39000001/5dfcbe7b071dac2b322db8ab-480x480.png" [email protected]
5e0f209a9fae110881f21984 Shri Sanatsujatiya (हिंदी) https://eshop.chinmayamission.com/s/5d76112ff04e0a38c1aea158/ms.products/5e0f209a9fae110881f21984/images/5e1c27e38cf9401abe912544/5e1c27d3bddf8c1ac5aab59c/5e1c27d3bddf8c1ac5aab59c.png

महाभारत के अनेक प्रसंगों में कहीं धर्म की और कहीं परमार्थ की विस्तृत चर्चा हुई है| वे स्थल प्रायः 'गीता' के नाम से प्रसिद्द हैं|

सनत्सुजातीय भी इसी प्रकार महाभारत का एक अंग है| महाभारत ग्रन्थ के उद्योगपर्व में सनत्सुजात ने महाराज धृतराष्ट्र को जो उपदेश दिया है उसी का नाम सनत्सुजातीय है|

यह प्रधानरूप से ब्रह्मविद्या का ग्रन्थ है| इसलिए भगवान आदि शंकराचार्य ने इस पर अपना भाष्य दिया है| उनकी भाष्य रचना के बाद यह ग्रन्थ विशेष रूप से प्रसिद्धि में आ गया और श्रीमद्भगवद्गीता की भाँति इसका अध्ययन स्वतंत्र रूप से होने लगा|

S2014
in stockINR 22
Chinmaya Prakashan
1 1
Shri Sanatsujatiya (हिंदी)

Shri Sanatsujatiya (हिंदी)

SKU: S2014
₹22
Publisher: Chinmaya Prakashan
Language: Hindi
Author: Swami Shankarananda
Binding: Paperback
Tags:
  • Bhakti,Love, Hindu Culture,Hinduism
SHARE PRODUCT

Description of product

महाभारत के अनेक प्रसंगों में कहीं धर्म की और कहीं परमार्थ की विस्तृत चर्चा हुई है| वे स्थल प्रायः 'गीता' के नाम से प्रसिद्द हैं|

सनत्सुजातीय भी इसी प्रकार महाभारत का एक अंग है| महाभारत ग्रन्थ के उद्योगपर्व में सनत्सुजात ने महाराज धृतराष्ट्र को जो उपदेश दिया है उसी का नाम सनत्सुजातीय है|

यह प्रधानरूप से ब्रह्मविद्या का ग्रन्थ है| इसलिए भगवान आदि शंकराचार्य ने इस पर अपना भाष्य दिया है| उनकी भाष्य रचना के बाद यह ग्रन्थ विशेष रूप से प्रसिद्धि में आ गया और श्रीमद्भगवद्गीता की भाँति इसका अध्ययन स्वतंत्र रूप से होने लगा|

User reviews

  0/5